हितलाभ :
• मृत्यु हितलाभ : पालिसी अवधि में बीमित व्यक्ति की मृत्यु पर मृत्यु बीमा धनराशि के साथ निहित बोनस तथा अंतिम अतिरिक्त बोनस (यदि कोई हो) का भुगतान किया
जाएगा। (मृत्यु बीमा धनराशि, मूल बीमा राशि से अधिक होगी या वार्षिक प्रीमियम की ? गुना होगी। यह मृत्यु हितलाभ, मृत्यु की तारीख तक भुगतान किए गए कुल प्रीमियम के जोड़ के 105% से कम नहीं होगा।
• परिपक्वता हितलाभ : गांरटीयुक्त मूल बीमा धनराशि के साथ निहित बोनस तथा अतिरिक्त बोनस (यदि कोई हो) का भुगतान किया जाएगा।
• वैकल्पिक दुर्घटना और अपंगता हितलाभ : उपलब्ध है, बशर्ते कि अतिरिक्त प्रीमियम रु.1/- प्रति हजार दु.हि.बी.ध. का भुगतान किया गया है
(भले ही आयु कितनी है)। (रु. 1.50 प्रति हजार दु.हि.बी.ध. पुलिस, पैरा मिलिट्री फोर्स आदि में नियुक्त कार्मिकों के लिए।
शर्तें एवं प्रतिबंध
न्यूनतम
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अधिकतम
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आयु
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8 वर्ष पूर्ण
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55 वर्ष निकटतम जन्मदिन
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पॉलिसी अवधि
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12 वर्ष (18 वर्ष दु.हि. के लिए)
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35 वर्ष
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मूल बीमा राशि
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1,00,000 (उसके बाद 5000 के गुणांक में)
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कोई सीमा नहीं
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परिपक्वता आयु
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– |
75 वर्ष निकटतम जन्म दिन
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ए.बी./दु.हि. सीजिंग आयु
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70 वर्ष
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प्रीमियम भुगतान विधि : वार्षिक, छमाही, तिमाही तथा मासिक (NACH) या मासिक (SSS)
भुगतान छूट: वार्षिक 2% छमाही – 1% (दोनों तालिकाबद्ध प्रीमियम के अनुसार)
उच्च बीमा राशि पर छूट
मूल बीमा राशि सीमा | छूट (रुपयों में) |
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1,00,000 से 1,95,000 | शून्य |
2,00,000 से 4,95,000 | मूल बीमा राशि के प्रति 1000 पर 2/- रु |
5,00,000 या अधिक |
मूल बीमा राशि के प्रति 1000 पर 3/-
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• पूरे दो वर्ष के प्रीमियमों का भुगतान करने के बाद पालिसी गांरटीयुक्त अभ्यर्पण मूल्य, विशेष अभ्यर्पण मूल्य या प्रदत्त मूल्य
(जो भी लागू हो) पाने की पात्र होगी।
• ऋणः पूरे दो वर्ष के सभी प्रीमियमों का भुगतान करने के बाद पॉलिसी ऋण प्राप्ति हेतु योग्य होगी। परिपत्र में दिए गए चार्ट के अनुसार, ऋण राशि पालिसी
की अवधि पर निर्भर होगी।
• पुनर्चलन – अप्रदत्त प्रीमियम तिथि एफ यूपी की तिथि से 5 वर्ष के अंदर । अनुग्रह अवधि तथा समनुदेशन नामांकन की सुविधा, हमारी पिछली तालिका
संख्या 14 के अनुसार पॉलिसी में उपलब्ध है।
यूएसपी
- इसका लक्ष्य समूह अत्यत लचीला है, जो बच्चों से लेकर अधिक आयुवर्ग के लोगों के लिए उपयुक्त है।
- बच्चों के लिए आदर्श पालिसी जिससे बचत और निवेश दोनों लाभ मिलते है।
- ऋण तथा गांरटीयुक्त अर्थ्यपण मूल्य के रूप में नकदीकरण।